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Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary

by TEAM Literopedia
May 13, 2025
in Literature
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Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text
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  • Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary
    • अध्याय 1-10: ब्रह्मांड की उत्पत्ति और समयचक्र
    • अध्याय 11-20: सृष्टि का विवरण और देवी-देवताओं का उद्भव
    • अध्याय 21-30: तीर्थ स्थानों का महात्म्य
    • अध्याय 31-50: ज्योतिष और खगोलशास्त्र
    • अध्याय 51-70: वर्ण व्यवस्था और सामाजिक जीवन
    • अध्याय 71-90: अष्टादश पुराणों का सार
    • अध्याय 91-110: ललिता सहस्रनाम और श्रीविद्या उपासना
    • अध्याय 111-130: भविष्यवाणियाँ और कलियुग की स्थिति
    • अध्याय 131-150: ब्रह्मा जी की शिक्षाएं और समाधि मार्ग
  • निष्कर्ष:
  • (FAQs):

Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary

Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text ब्रह्माण्ड पुराण अठारह महापुराणों में से एक है, जो वैदिक ज्ञान, आध्यात्मिक सिद्धांतों, ब्रह्मांड की उत्पत्ति और देवताओं की वंशावली पर विस्तृत चर्चा करता है। यह पुराण ब्रह्मा, विष्णु और शिव के वैदिक समन्वय को दिखाते हुए ब्रह्मांड की उत्पत्ति से उसकी पुनः स्थिति तक की कहानी बताता है। इसमें लगभग दो हजार श्लोक हैं।

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  • Matsya Puran Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary

अध्याय 1-10: ब्रह्मांड की उत्पत्ति और समयचक्र

Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary प्रारंभिक अध्यायों में ब्रह्मा की उत्पत्ति, पंचभूतों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) की रचना, और कालचक्र का वर्णन किया गया है। समय को चार युगों – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग – में विभाजित किया गया है। ब्रह्मा के दिन और रातों की गणना भी दी गई है।

अध्याय 11-20: सृष्टि का विवरण और देवी-देवताओं का उद्भव

इन अध्यायों में ब्रह्मा द्वारा मनुष्यों, ऋषियों, असुरों और देवताओं की रचना की विस्तृत व्याख्या है। भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों और शिव जी के विभिन्न रूपों जैसे रुद्रों और एकादश रुद्रों का वर्णन मिलता है।

अध्याय 21-30: तीर्थ स्थानों का महात्म्य

तीर्थ यात्राओं के लाभ और उनके महत्व पर विस्तृत जानकारी दी गई है। प्रमुख तीर्थ जैसे बद्रीनाथ, प्रयाग, काशी और नैमिषारण्य का उल्लेख मिलता है। इसके माध्यम से धर्म की ओर प्रेरणा दी गई है।

अध्याय 31-50: ज्योतिष और खगोलशास्त्र

इन अध्यायों में ग्रहों, नक्षत्रों और उनके प्रभाव का वर्णन मिलता है। जन्मपत्री, योग, ग्रह-गोचर आदि पर आधारित जीवन की संभावनाओं और उपायों की चर्चा की गई है।

अध्याय 51-70: वर्ण व्यवस्था और सामाजिक जीवन

Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र की जिम्मेदारियों, धर्म, कर्म और आचरण का विस्तृत विवेचन मिलता है। विवाह, श्राद्ध, यज्ञ, और अन्य सामाजिक रीति-रिवाजों का भी समावेश है।

Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text
Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text

अध्याय 71-90: अष्टादश पुराणों का सार

इसमें स्वयं ब्रह्मा द्वारा अष्टादश महापुराणों का सारांश बताया गया है। यह ज्ञान धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

अध्याय 91-110: ललिता सहस्रनाम और श्रीविद्या उपासना

Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary ब्रह्माण्ड पुराण का एक विशेष भाग है — ललिता उपाख्यान, जिसमें देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी की कथा, ललिता सहस्रनाम स्तोत्र, और श्रीचक्र की उपासना का गूढ़ रहस्य दिया गया है। यह तंत्र, भक्ति और साधना का संगम है।

अध्याय 111-130: भविष्यवाणियाँ और कलियुग की स्थिति

कलियुग की पहचान, उसमें घटने वाली घटनाएं, नैतिक पतन, पाप की वृद्धि, धर्म का लोप और उसकी पुनर्स्थापना की भविष्यवाणी की गई है। साथ ही कलियुग में नामजप और भक्ति को मोक्ष का प्रमुख साधन बताया गया है।

अध्याय 131-150: ब्रह्मा जी की शिक्षाएं और समाधि मार्ग

ब्रह्मा द्वारा नारद और अन्य ऋषियों को ध्यान, समाधि, आत्मज्ञान और मोक्ष मार्ग पर शिक्षाएं दी गई हैं। आत्मा, परमात्मा और उनके संबंधों का गूढ़ विवेचन किया गया है।

निष्कर्ष:

Brahmanda Purana Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary ब्रह्माण्ड पुराण न केवल ब्रह्मांड की संरचना और देवताओं की उत्पत्ति का ज्ञान देता है, बल्कि यह जीवन के उद्देश्य, आत्मा के रहस्य और मोक्ष के मार्ग की ओर भी हमें प्रेरित करता है। इसमें आध्यात्मिक साधना, भक्ति, कर्म और ज्ञान का अद्भुत समन्वय है। ललिता सहस्रनाम जैसे स्तोत्र इस पुराण की विशेषता हैं, जो उपासकों के लिए एक शक्तिशाली साधना मार्ग प्रदान करते हैं। यह पुराण धर्म और विज्ञान, तर्क और विश्वास, दर्शन और अनुभव का समन्वय है।

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  • Matsya Puran Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary

(FAQs):

Q1: ब्रह्माण्ड पुराण किसने लिखा है?
उत्तर: ब्रह्माण्ड पुराण की रचना ब्रह्मा जी द्वारा की गई मानी जाती है। इसे महर्षि वेदव्यास ने संकलित किया।

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Q2: ब्रह्माण्ड पुराण में कितने श्लोक हैं?
उत्तर: लगभग 12,000 श्लोकों का संग्रह है।

Q3: क्या ब्रह्माण्ड पुराण में देवी ललिता की उपासना का वर्णन है?
उत्तर: हां, इसमें ललिता उपाख्यान है, जिसमें ललिता त्रिपुरसुंदरी की कथा और ललिता सहस्रनाम का वर्णन है।

Q4: क्या ब्रह्माण्ड पुराण ज्योतिष से संबंधित जानकारी भी देता है?
उत्तर: हां, इसमें ग्रह, नक्षत्र, योग आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी मिलती है।

Q5: ब्रह्माण्ड पुराण किसे पढ़ना चाहिए?
उत्तर: हर वह व्यक्ति जो सृष्टि, आत्मा, धर्म और मोक्ष के रहस्य जानना चाहता है, उसे इस पुराण का अध्ययन अवश्य करना चाहिए।

Q6: यह पुराण किस भाषा में लिखा गया है?
उत्तर: मूल रूप से यह संस्कृत भाषा में लिखा गया है।

Q7: ब्रह्माण्ड पुराण का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर: सृष्टि की रचना, ब्रह्मा-विष्णु-महेश का महत्व, देवी उपासना, और आत्मज्ञान प्राप्ति।

Q8: क्या इसमें मोक्ष मार्ग का भी वर्णन है?
उत्तर: हां, ध्यान, भक्ति और ज्ञान के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग विस्तार से बताया गया है।

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Q9: ब्रह्माण्ड पुराण अन्य पुराणों से कैसे अलग है?
उत्तर: इसमें देवी ललिता की उपासना और श्रीविद्या की साधना का विशेष स्थान है जो अन्य पुराणों में कम मिलता है।

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Q10: ब्रह्माण्ड पुराण में कलियुग के बारे में क्या बताया गया है?
उत्तर: इसमें कलियुग के लक्षण, नैतिक पतन, और नामस्मरण द्वारा मोक्ष की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई है।

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