Padma Puran Summary In Hindi : Chapterwise Full Text Summary
Padma Puran Summary In Hindi : Chapterwise पद्म पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में एक बहुत महत्वपूर्ण पुराण है. यह अपने विशाल स्वरूप, विस्तृत विषयवस्तु और धार्मिक, नैतिक और सांस्कृतिक उपदेशों के कारण अद्वितीय है। यह पुराण लगभग 55,000 श्लोकों का है और दूसरा सबसे बड़ा महापुराण है।
पद्म पुराण में ब्रह्मा की सृष्टि का उल्लेख है, इसलिए इसका नाम “पद्म” पड़ा। यह मुख्यतः वैष्णव पुराण है, लेकिन इसमें शिव, देवी, तीर्थ, धर्म और नीति के व्यापक वर्णन हैं।
पद्म पुराण का विभाजन (Division of Padma Purana)
Padma Puran Summary In Hindi : Chapterwise पद्म पुराण को छह खंडों (खंड = भाग) में विभाजित किया गया है:
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सृष्टि खंड
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भूमि खंड
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स्वर्ग खंड
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पाताल खंड
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उत्तर खंड
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कृति खंड
नीचे हम इन छह खंडों का अध्यायवार संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत कर रहे हैं:
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1. सृष्टि खंड (Srishti Khand)
Padma Puran Summary In Hindi : Chapterwise इस खंड में ब्रह्मांड की उत्पत्ति, ब्रह्मा, विष्णु और शिव की भूमिका, मनुओं की रचना, युगों की व्याख्या, धर्म के चार चरण, और पंचमहाभूतों की उत्पत्ति का वर्णन है।
मुख्य विषय:
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सृष्टि की उत्पत्ति कैसे हुई
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ब्रह्मा के चार मुखों से चार वेदों की उत्पत्ति
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ऋषि-मुनियों, देवताओं, असुरों और यक्षों का सृजन
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समय (काल), युग-चक्र और धर्म की स्थिति
महत्व: यह खंड हमें ब्रह्मांड के क्रमिक विकास की आध्यात्मिक व्याख्या देता है और धर्म की मूलभूत अवधारणाओं की स्थापना करता है।
2. भूमि खंड (Bhoomi Khand)
Padma Puran Summary In Hindi : Chapterwise इस खंड में भारतवर्ष, तीर्थों, नदियों और पर्वतों का वर्णन है। यह खंड तीर्थयात्रा और धार्मिक स्थलों की महिमा को विस्तार से बताता है।
मुख्य विषय:
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भारतवर्ष के भूगोल का वर्णन
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गंगा, यमुना, नर्मदा, सरस्वती आदि नदियों की महिमा
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प्रयाग, काशी, गया, बद्रीनाथ, हरिद्वार जैसे तीर्थों की कथा
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तीर्थयात्रा के लाभ और विधि
महत्व: यह खंड अध्यात्म के साथ-साथ सांस्कृतिक इतिहास का भी परिचायक है, जो तीर्थों की महिमा से धर्म के प्रभाव को दर्शाता है।

3. स्वर्ग खंड (Swarga Khand)
Padma Puran Summary In Hindi : Chapterwise इस खंड में स्वर्गलोक, देवताओं का चरित्र, इंद्र की कथाएं, व्रतों का फल, धर्मपालन और पुण्यकर्मों से स्वर्ग प्राप्ति की बात होती है।
मुख्य विषय:
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स्वर्ग की संरचना और नियम
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पुण्यात्माओं की गति
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व्रत कथा: एकादशी, प्रदोष, व्रतराज आदि
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व्रत पालन से प्राप्त होने वाले फल
महत्व: यह खंड जीवन में अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देता है और स्वर्ग के नियमों से हमें धर्म के नियमों से जोड़ता है।
4. पाताल खंड (Patal Khand)
Padma Puran Summary In Hindi : Chapterwise यह खंड पाताल लोक, दैत्यों, राक्षसों और उनके युद्धों की चर्चा करता है। इसमें शिव महिमा, पार्वती व्रत, दुर्गा, लक्ष्मी और अन्य देवी-देवताओं की कथाएं हैं।
मुख्य विषय:
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पाताल लोक की सात परतें
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शिव-पार्वती विवाह कथा
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दुर्गा सप्तशती और देवी महात्म्य
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श्रीलक्ष्मी और व्रत कथाएं
महत्व: यह खंड शक्ति उपासना का मार्ग प्रशस्त करता है और हमें देवी के स्वरूप से जोड़ता है।
5. उत्तर खंड (Uttara Khand)
यह खंड नैतिक शिक्षा, श्राद्ध, पितृकर्म, जीवन दर्शन और भक्ति मार्ग पर केंद्रित है। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की लीलाओं का संक्षिप्त वर्णन भी यहीं आता है।
मुख्य विषय:
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पितृकर्म, श्राद्ध विधि
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यमलोक की स्थिति और कर्मफल
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श्रीराम जन्म, रामायण के प्रमुख प्रसंग
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श्रीकृष्ण लीला, भागवत तत्व
महत्व: यह खंड मोक्ष मार्ग की ओर संकेत करता है, और धर्म, कर्म, भक्ति को एक सूत्र में पिरोता है।
6. कृति खंड (Kriti Khand)
यह खंड कई व्रतों, तंत्र साधना, योग, ध्यान और मंदिरों के निर्माण की विधियों का उल्लेख करता है। यह तुलसी विवाह, एकादशी व्रत और भक्ति मार्ग को प्रमुखता देता है।
मुख्य विषय:
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तुलसी विवाह कथा
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एकादशी व्रत महात्म्य
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मंदिर निर्माण विधि
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दान, जप, तप का महत्व
महत्व: यह खंड कर्मकांड और भक्ति का संतुलन स्थापित करता है और साधना मार्ग को सरल बनाता है।
विशेषताएँ (Unique Features of Padma Purana)
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वैष्णव परंपरा को विस्तार से समझाता है।
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तीर्थों की यात्रा को आध्यात्मिक शुद्धि का साधन मानता है।
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व्रत और उपवासों के पीछे आध्यात्मिक उद्देश्य समझाता है।
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धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष – चार पुरुषार्थों की व्याख्या करता है।
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स्त्री शक्ति की महिमा (शक्ति तत्त्व) को प्रतिष्ठित करता है।
नैतिक शिक्षा (Moral Teachings)
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सत्य बोलना, दया करना, सेवा करना।
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गुरु, माता-पिता और देवताओं का सम्मान।
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स्त्री सम्मान, व्रत-उपवास का पालन।
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किसी के प्रति ईर्ष्या या द्वेष न रखना।
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सच्चे हृदय से भगवान की भक्ति करना।
निष्कर्ष (Conclusion)
Padma Puran Summary In Hindi : Chapterwise पद्म पुराण न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह एक गहन सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और नैतिक दिशा देने वाला जीवन मार्गदर्शक ग्रंथ है। इसकी कथाएं भले ही पौराणिक प्रतीत होती हों, लेकिन इनमें जीवन के प्रत्येक पक्ष को छूने की शक्ति है।
पद्म पुराण हमें धर्म के चार आयामों – कर्म, भक्ति, ज्ञान और नीति – की समरसता सिखाता है। यह हमें सिखाता है कि तीर्थयात्रा केवल भौगोलिक नहीं, आत्मिक यात्रा है। इसके व्रत और नियम केवल अनुष्ठान नहीं, आत्मानुशासन हैं।
जो भी व्यक्ति पद्म पुराण का मनन करता है, वह जीवन में संतुलन, संयम और सत्य की ओर अग्रसर होता है, और मोक्ष के मार्ग पर चलने की प्रेरणा पाता है।
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(FAQs)
Q1. पद्म पुराण क्या है?
उत्तर: पद्म पुराण 18 महापुराणों में से एक है, जिसमें ब्रह्मा, विष्णु, शिव, तीर्थ, व्रत, धर्म और भक्ति के विषयों का विस्तार से वर्णन है।
Q2. पद्म पुराण कितने खंडों में विभाजित है?
उत्तर: यह 6 खंडों में विभाजित है – सृष्टि खंड, भूमि खंड, स्वर्ग खंड, पाताल खंड, उत्तर खंड और कृति खंड।
Q3. पद्म पुराण किस देवता से संबंधित है?
उत्तर: यह मुख्यतः भगवान विष्णु (वैष्णव परंपरा) से संबंधित है, लेकिन इसमें शिव और देवी की भी महिमा वर्णित है।
Q4. क्या पद्म पुराण में राम और कृष्ण की कथा भी है?
उत्तर: हाँ, उत्तर खंड में राम और कृष्ण की लीलाओं का संक्षिप्त वर्णन भी मिलता है।
Q5. पद्म पुराण का अध्ययन क्यों करना चाहिए?
उत्तर: यह धर्म, भक्ति, व्रत, नीति और जीवन के चार पुरुषार्थों (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) को समझने में सहायक है।
Q6. इसे किस दिन पढ़ना शुभ होता है?
उत्तर: पूर्णिमा, एकादशी, या किसी शुभ दिन पर श्रद्धा और नियमपूर्वक पढ़ना उत्तम माना गया है।
Q7. पद्म पुराण में स्त्री शक्ति का क्या महत्व है?
उत्तर: इसमें देवी दुर्गा, लक्ष्मी, पार्वती और तुलसी की महिमा वर्णित है, और स्त्रियों को धर्म और शक्ति का आधार माना गया है।
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